राष्‍ट्रीय

​किसान बेहाल, आढ़ती मालामाल,आढ़तियों के हाथों फसल बेचने को मजबूर किसान

सत्यखबर,रेवाड़ी (संजय कौशिक  )

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स्थिति बेहद नाजुक है, हाल बेहाल है और किसान सकते में है कि आखिर जाएं तो कहां जाएं। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि यह कहना है उन किसानों का जो अपनी खून-पसीने की कमाई कही जाने वाली फसल वाहनों में डालकर मंडी पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं, समर्थन मूल्य पर पूरी मात्रा में खरीद न होने के कारण स्वराज इंडिया संगठन के सदस्य पिछले 9 दिनों से मंडी में धरना दे रहे हैं, लेकिन यहां शायद उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। दरअसल हम बात कर रहे हैं रेवाड़ी अनाज मंडी की, जहां इन दिनों सरसों की खरीद को लेकर सुबह से ही मारामारी शुरू हो जाती है। पिछले 9 दिनों में अब तक मात्र 2665 क्विंटल सरसों की खरीद हो सकी है। किसान आढ़तियों के हाथों लूटने को मजबूर हैं। वहीं आढ़तियों द्वारा करीब 6 गुणा सरसों की खरीद की जा चुकी है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि  किसान हितैषी होने का दावा करने वाली खट्टर सरकार को किसानों से कितना सरोकार रह गया है। किसानों की मानें तो फसल की खरीद मंडी में ना करके शहर से दूर बिठवाना में की जा रही है, जहां ना कोई शैड है और ना ही सुरक्षा के इंतजाम। साथ ही नमी का हवाला देकर उनकी फसल नहीं खरीदी जा रही। वहीं खरीद के लिए तरह-तरह की शर्तें लगा रखी हैं, जोकि किसानों के साथ सरासर मजाक है और किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है। यह हाल तो तब है, जब पीएम के ऐलान के बावजूद प्रदेश सरकार उनके ऐलान को कोई तवज्जो नहीं दे रही। उनकी मांग है कि पूरी मात्रा में समर्थन मूल्य पर उनकी फसल खरीदी  जाए।
वहीं इसे लेकर मंडी के प्रधान भी किसानों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक किसान खुश नहीं होगा, तब तक व्यापारी खुश नहीं हो सकता। इधर, मार्कीट कमेटी अधिकारियों की मानें तो खरीद में देरी या कमी का कारण फसल में आ रही नमी है। वहीं पुसल की आवक भी काफी कम है। जहां तक शर्तों का सवाल है तो सरकार द्वारा निर्धारित नियम तो पूरे करने ही पडेंगे। वहीं जौ की खरीद के लिए उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग से पत्राचार किया हुआ है।

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